जीवन मार्ग के काँटे – Raja aur Bete ki Kahani
जीवन मार्ग के काँटे – Raja aur Bete ki Kahani एक राजा बहुत त्यागी और ईमानदार शासक थे। वह राज्य के कोष से बहुत थोड़ा मासिक वेतन लेते थे, इसलिए उनके पास धन का अभाव बना रहता था। वह अपने हाथ से कपड़े...
View Articleबुरा जो देखन मैं चला – Burai aur Acchai ki Kahani
बुरा जो देखन मैं चला – Burai aur Acchai ki Kahani एक दिन एक गुरु के पास आदमियों की भीड़ एक औरत को घसीटते हुए लायी। भीड़ का प्रत्येक आदमी चिल्ला रहा था— “इस आरत ने घोर अपराध किया है। ऐसी स्त्री को...
View Articleमान सम्मान – Sant Tukaram aur Raja ki Kahani
मान सम्मान – Sant Tukaram aur Raja ki Kahani सन्त तुकाराम अपने समय के बहुत पहुँचे हुए भक्त थे। शिवाजी महाराज उनका बड़ा सम्मान करते थे। एक बार उन्होंने सन्त तुकाराम का सम्मान करने के लिए पालकी, घुड़सवार...
View Articleमाता कुमाता नहीं हो सकती – Garib Mata aur Bete ki Kahani
माता कुमाता नहीं हो सकती – Garib Mata aur Bete ki Kahani Garib Mata aur Bete ki Kahani – एक गरीब विधवा माँ थी. उसने बड़ी मेहनत करके, बड़ा लाड़-प्यार करके अपने बेटे को पाला-पोसा, बड़ा किया और उसका किया।...
View Articleमुझे चालीस करोड़ लोगों की चिन्ता है – Bharat ki Azadi ki Kahani
मुझे चालीस करोड़ लोगों की चिन्ता है – Bharat ki Azadi ki Kahani अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर एक सज्जन प्रथम श्रेणी के डिब्बे से उतरे और उन्होंने कुली को आवाज दी। सीधे-सादे एक नौजवान ने आ कर उनका बक्सा अपने...
View Articleविरोधों का सामना कैसे करें – Guru aur Shishya ki Kahani
विरोधों का सामना कैसे करें – Guru aur Shishya ki Kahani गुरु जी अपने अनुयायी प्रेम के साथ कहीं जा रहे थे। रास्ते में प्रेम को उसका एक शत्रु मिला। वह प्रेम से लड़ने लगा। प्रेम ने पहले तो प्रेम से बातें...
View Articleसच्चा इनसान – Bacche aur Ped ki Kahani
सच्चा इनसान – Bacche aur Ped ki Kahani एक था बाग़-फल-फूलों से सजा हुआ बाग़। उस बाग़ में बच्चे आते, फूलों से प्यार करते, तितलियों से खेलते, कूदते-भागते। (Bacche aur Ped ki Kahani) एक समय की बात है। बाग़...
View Articleआज्ञा पालन – Ram aur Vanvaas ki Kahani
आज्ञा पालन – Ram aur Vanvaas ki Kahani भगवान राम का राजतिलक होने वाला था। अयोध्या में खुशियाँ मनायी जा रही थीं। कौशल्या माँ भी आनन्द में डूबी हुई थीं। तभी वज्रपात हो गया। भगवान राम को वन में जाने का...
View Articleआम्हा धन कण घरी घरी – Tukaram aur Dhan ki Kahani
आम्हा धन कण घरी घरी – Tukaram aur Dhan ki Kahani सन्त तुकाराम (Tukaram) किसी से कोई कीमती भेंट स्वीकार नहीं करते थे। उनके पास सन्तोष का धन था। जैसी भी परिस्थिति होती, उस पर सन्तोष कर लेते थे। कभी दुःखी...
View Articleदुनिया का बादशाह कौन – Baadshah aur Fakir ki Kahani
दुनिया का बादशाह कौन – Baadshah aur Fakir ki Kahani पंजाब में युद्ध करके जब सिकन्दर वापस लौट रहा था, तो रास्ते में उसे एक फकीर मिला। बड़ा मस्त था वह फकीर। एक पेड़ के नीचे बैठा हआ बेफ़िक्री से भजन गा...
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